श्री सिद्धचक्र का पाठ करो, दिन आठ, ठाठ से प्रानी, फल पायो मैना रानी || मैना सुन्दरि इक न…
(दोहा) वंदूँ श्री अरहंत पद, वीतराग विज्ञान। वरणूँ बारह भावना, जग जीवन हित जान||(1) …
राजा राणा छत्रपति, हाथिन के असवार। मरना सबको एक दिन, अपनी-अपनी बार॥ दल बल देवी देवता…
जिसने राग-द्वेष कामादिक, जीते सब जग जान लिया सब जीवों को मोक्ष मार्ग का निस्पृह हो उपदेश दिया, बु…
(चौपाई छन्द) मैं तुम चरण-कमल गुणगाय, बहुविधि-भक्ति करूं मनलाय | जनम-जनम प्रभु पाऊँ तोह…
दर्शन श्री देवाधिदेव का, दर्शन पाप विनाशन है। दर्शन है सोपान स्वर्ग का, और मोक्ष का साधन है॥ …
दर्शनं देवदेवस्य, दर्शनं पापनाशनम्। दर्शनं स्वर्गसोपानं, दर्शनं मोक्षसाधनम्॥(1) दर्शनेन जिनेन्द्…
प्रभु पतित पावन मैं अपावन, चरण आयो सरण जी । यों विरद आप निहार स्वामी, मेट जामन मरण जी ॥ (१) &nb…
केवल-रवि किरणों से जिसका, सम्पूर्ण प्रकाशित है अंतर । उस श्री जिनवाणी में होता, तत्त्वों का सुंदरतम दर्…