👉देवाधिदेव जिनदेव प्रभु के दर्शन करने से समस्त पापो का नाश होता है,स्वर्ग के सुखो की प्राप्ति होती है,एवम् यह मोक्ष का दाता है

👉जिनेन्द्र देव प्रभु का दर्शन एवम् साधू को वन्दन करने से सभी चिरसंचित पाप वैसे ही नष्ट हो जाते है जैसे छिद्र युक्त हाथो के बीच से जल

👉वीतरागी प्रभु के कमल के समान खिले हुवे सुंदर मुखमण्डल को देखने से उसका दर्शन करने से जन्म जन्म के पापो का नाश हो जाता है

👉जिनदेव प्रभु सूर्य के उदित होने से सारे जग का अज्ञान रूपी अंधकार दूर हो जाता है और हार्दिक कमल पुष्प खिल उठते है सब ओर ज्ञान का उजाला फैल जाता है

👉जिनदेव प्रभु के दर्शन चंद्रमा के समान धर्म रूपी अमृत को बरसाने वाले है और जन्म जन्म के दुःखो का नाश करके सुख की बरसात करने वाले है

👉जीवादि तत्त्वों को बतलाने वाले सम्यक्त्व रूपी अष्ट गुणों को बतलाने वाले सागर रूपी दिगम्बर रूप को धरने वाले जिनदेव प्रभु को नमन है

👉चिरकाल तक आनंद से भर देने वाला जिनदेव परमात्मा तुम्हारा ये चिदानंद रूप आत्मा को प्रकाशित करने वाला है,सदा हमारा नमस्कार है

👉अन्य शरण को छोड़कर मैंने केवल तुम्हारी शरण ली है क्योकि एक आप ही हो जो करुणा भाव रखते है और हे जिनदेव सदा हमारी रक्षा करना

👉कही नही कही नही कही नही पुरे जगत में कही नही,वीतराग प्रभु से बढकर कोई ना वर्तमान में ना भविष्य में और ना भुतकाल ना कोई है ना कभी कोई हुवा है ना कभी होगा।