(दोहा) वंदूँ श्री अरहंत पद, वीतराग विज्ञान। वरणूँ बारह भावना, जग जीवन हित जान||(1) …
राजा राणा छत्रपति, हाथिन के असवार। मरना सबको एक दिन, अपनी-अपनी बार॥ दल बल देवी देवता…